शुक्रवार, 10 अगस्त 2007

तेरी खुशबू में बसे खत

तेरी खुशबू में बसे खत, मैं जलाता कैसे
प्यार में डूबे हुये खत, मैं जलाता कैसे
तेरे हाथों के लिखे खत, मैं जलाता कैसे
तेरे खत आज मैं, गँगा में बहा आया हूँ
आग बहते हुए पानी में लगा आया हूँ

जिनको दुनिया की निगाहों से छुपाये रखा
जिन को इक उम्र कलेजे से लगाये रखा
दीन जिनको, जिनहें ईमान बनाये रखा

तूने दुनिया की निगाहों से जो बचकर लिखे
साल-हा-साल मेरे नाम बराबर लिखे
कभी दिन में तो कभी रात में उठकर लिखे

तेरी खुशबू में बसे खत, मैं जलाता कैसे
प्यार में डूबे हुये खत, मैं जलाता कैसे
तेरे हाथों के लिखे खत, मैं जलाता कैसे
तेरे खत आज मैं, गँगा में बहा आया हूँ
आग बहते हुए पानी में लगा आया हूँ


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Vocabulary:
दीन = faith, religion
ईमान = creed, conscience, belief

Search Strings:
Lyrics, गज़ल, Ghazal, Gazal, जगजीत सिंह, जगजीत सिंग, Jagjit Singh,
Tere khushbu mein base khat main jalata

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