शुक्रवार, 10 अगस्त 2007

जब सामने तुम आ जाते हो

आईना देख के बोले ये संवरने वाले
अब तो बेमौत मरेंगे मेरे मरने वाले

देख के तुमको होश में आना भूल गए
याद रहे तुम और ज़माना भूल गए


जब सामने तुम आ जाते हो क्या जानिये क्या हो जाता है
कुछ मिल जाता है कुछ खो जाता है क्या जानिये क्या हो जाता है

चाहा था ये कहेंगे सोचा था सोचा था वो कहेंगे
आए वो सामने तो कुछ भी ना कह सके
बस देखा किये उन्हें हम

देख कर तुझको यकीं होता है कोई इतना भी हसीं होता है
देख पाते हैं कहां हम तुमको दिल कहीं होश कहीं होता है
जब सामने तुम


आ कर चले न जाना ऐसे नहीं सताना
दे कर हँसी लबों को आँखों को मत रुलाना
देना न बेकरारी दिल का करार बनके
यादों में खो न जाना तुम इंतज़ार बन के
इंतज़ार बन के

भूल कर तुमको न जी पाएंगे
साथ तुम होगी जहां जाएंगे
हम कोई वक़्त नहीं हैं हमदम
जब बुलाओगे चले आएंगे
जब सामने तुम

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Jab saamne tum aa jate ho

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