शुक्रवार, 10 अगस्त 2007

तुम नहीं ग़म नहीं शराब नहीं

तुम नहीं ग़म नहीं शराब नहीं
ऐसी तन्हाई का जवाब नहीं

गाहे-गाहे इसे पढा कीजे
दिल से बेहतर कोई किताब नहीं

जाने किस किस की मौत आयी है
आज रुख़ पर कोई नक़ाब नहीं

वो करम उन्गलियों पे गिरते हैं
ज़ुल्म का जिनके कुछ हिसाब नहीं

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ग़म : grief, pain
तन्हाई : loneliness, solitude
गाहे-गाहे : once in a while
रुख : face
नक़ाब : veil
करम : good deeds, favours
हिसाब : calculation

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