हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख से लम्हें नहीं तोड़ा करते
जिसकी आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिकन
ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते
शह्द जीने का मिला करता है थोड़ा थोड़ा
जाने वालों के लिए दिल नहीं थोड़ा करते
लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो
ऐसे दरिया का कभी रुख नहीं मोड़ा करते
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Vocabulary:
सिलवट = wrinkle/slight depression in the smoothness
शिकन = frown, crease, crack
शह्द = honey
Search Strings:
Lyrics, गज़ल, Ghazal, Gazal, जगजीत सिंह, जगजीत सिंग, Jagjit Singh,
Haath chute bhi toh rishtey nahi chhoda karte
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