शुक्रवार, 10 अगस्त 2007

किसका चेहरा अब मैं देखूं

चाँद भी देखा फूल भी देखा
बादल बिजली तितली जुगनूं कोई नहीं है ऐसा
तेरा हुस्न है जैसा

मेरी निगाहों ने ये कैसा ख्वाब देखा है
ज़मीं पे चलता हुआ माहताब देखा है


मेरी आँखों ने चुना है तुझको दुनिया देखकर
किसका चेहरा अब मैं देखूं तेरा चेहरा देखकर

नींद भी देखी ख्वाब भी देखा
चूड़ी बिंदिया दर्पण खुश्बू कोई नहीं है ऐसा
तेरा प्यार है जैसा

रंग भी देखा रूप भी देखा
रस्ता मंज़िल साहिल महफ़िल कोई नहीं है ऐसा
तेरा साथ है जैसा


बहुत खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी
बना दीजिए इनको किस्मत हमारी
उसे और क्या चाहिये ज़िंदगी में
जिसे मिल गई है मुहब्बत तुम्हारी

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Vocabulary:
माहताब = moonlight (माह=the moon/month, ताब==Noor/light)
साहिल = shore/beach

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Kiska Chehara ab mein dekhu

कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो
दरिया का साहिल हो
पूरे चाँद की रात हो
और तुम आओ

कभी यूँ भी तो हो
परियों की महफ़िल हो
कोई तुम्हारी बात हो
और तुम आओ

कभी यूँ भी तो हो
ये नर्म मुलायम ठंडी हवायें
जब घर से तुम्हारे गुज़रें
तुम्हारी ख़ुश्बू चुरायें
मेरे घर ले आयें

कभी यूँ भी तो हो
सूनी हर मंज़िल हो
कोई न मेरे साथ हो
और तुम आओ

कभी यूँ भी तो हो
ये बादल ऐसा टूट के बरसे
मेरे दिल की तरह मिलने को
तुम्हारा दिल भी तरसे
तुम निकलो घर से

कभी यूँ भी तो हो
तनहाई हो, दिल हो
बूँदें हो, बरसात हो
और तुम आओ

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Vocabulary:
दरिया = a large river, sea
साहिल = sea-shore, beach


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Kabhi yun bhi toh ho

किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह

किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह
वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह

बढाके प्यास मेरी उस ने हाथ छोड़ दिया
वो कर रहा था मुरव्वत भी दिल्लगी की तरह

किसे ख़बर थी बढेगी कुछ और तारीकी
छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह

कभी न सोचा था हमने "क़तील" उस के लिये
करेगा हम पे सितम वो भी हर किसी की तरह

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Vocabulary:
आशना = beloved, someone close-to-heart
अजनबी = stranger, unfamiliar, unknown person
मुरव्वत = benefaction, benevolence, kindness
दिल्लगी = amusement, diversion, entertainment
तारीकी = darkness
सितम = cruelty, injustice

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Kiya hai pyar jise humne jindagi ki taraha

ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को

ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे
या छलकती आँखों को भी पत्थर कर दे

तुझको देखा नहीं महसूस किया है मैं ने
आ किसी दिन मेरे एहसास को पैकर कर दे

और कुछ भी मुझे दरकार नहीं है लेकिन
मेरी चादर मेरे पैरों के बराबर कर दे

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Vocabulary:
सहरा = desert
महसूस = to feel, perceive
एहसास = feelings, perceptions, emotions
पैकर = (साकार), embodiment, to bring into realization
दरकार = demand, request

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Aye khuda ret ke sahara ko

मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जायेगा

मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जायेगा
दीवारों से टकराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जायेगा

हर बात गवारा कर लोगे मन्नत भी उतारा कर लोगे
ताबीज़ें भी बँधवाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जायेगा

तनहाई के झूले झूलोगे हर बात पुरानी भूलोगे
आईने से तुम घबराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जायेगा

जब सूरज भी खो जायेगा और चाँद कहीं सो जायेगा
तुम भी घर देर से आओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जायेगा

बेचैनी जब बढ जायेगी और याद किसी की आयेगी
तुम मेरी ग़ज़लें गाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जायेगा

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Vocabulary:
गवारा = to bear with, tolerate, agree
मन्नत = (नवस), a vow to a deity
ताबीज़ = a sacred amulet
तनहाई = loneliness

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Mere jaise ban jaoge jab ishq tumhe ho jayega

ठुकराओ अब के प्यार करो मैं नशे में हूँ

ठुकराओ अब के प्यार करो मैं नशे में हूँ
जो चाहो मेरे यार करो, मैं नशे में हूँ

अब भी दिला रहा हूँ यक़ीन-ए-वफ़ा मगर
मेरा न ऐतबार करो, मैं नशे में हूँ

गिरने दो तुम मुझे मेरा सागर सम्भाल लो
इतना तो मेरे यार करो, मैं नशे में हूँ

मुझको क़दम क़दम पे भटकने दो वाइज़ों
तुम अपना कारोबार करो, मैं नशे में हूँ

फिर बेख़ुदी में हद से गुज़रने लगा हूँ
इतना न मुझसे प्यार करो, मैं नशे में हूँ

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Vocabulary:
सागर = wine glass, wine cup
वाइज़ = wise-man, (the one who stops from drinking)
बेख़ुदी = in-ecstasy, senseless

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Thukrao ab ke pyar karo mein nashey mein hun

तेरे बारे में जब सोचा नहीं था

तेरे बारे में जब सोचा नहीं था
मैं तन्हा था मगर इतना नहीं था

तेरी तस्वीर से करता था बातें
मेरे कमरे में आईना नहीं था

समंदर ने मुझे प्यासा ही रखा
मैं जब सहरा में था प्यासा नहीं था

मनाने रूठने के खेल में हम
बिछड़ जाएंगे ये सोचा नहीं था

सुना है बंद कर लीं उसने आँखें
कई रातों से वो सोया नहीं था

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Vocabulary:
सहरा == desert

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Tere baare mein jab socha nahi tha

हम को दुश्मन की निगाहों से

हम को दुश्मन की निगाहों से न देखा कीजे
प्यार ही प्यार हैं हम हम पे भरोसा कीजे

चन्द यादों के सिवा हाथ न कुछ आयेगा
इस तरह उम्र-ए-गुरेज़ाँ का न पीछा कीजे

रोशनी औरों के आँगन में गवारा न सही
कम से कम अपने ही घर में तो उजाला कीजे

क्या ख़बर कब वो चले आयेंगे मिलने के लिये
रोज़ पलकों पे नई शमएं जलाया कीजे

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Vocabulary:
भरोसा = to believe
चन्द = few
उम्र-ए-गुरेज़ाँ =
पीछा = to follow
रोशनी = light, luminescence
उजाला = light, luminescence


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Humko dushman ki nigahon se

तेरे आने की जब खबर महके

तेरे आने की जब खबर महके
तेरी खुश्बू से सारा घर महके

शाम महके तेरे तसव्वुर से
शाम के बाद फिर सहर महके

रात भर सोचता रहा तुझको
ज़हन-ओ-दिल मेरे रात भर महके

याद आए तो दिल मुनव्वर हो
दीद हो जाए तो नज़र महके

वो घड़ी दो घड़ी जहाँ बैठे
वो ज़मीं महके वो शजर महके

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Vocabulary:
तसव्वुर = imagination/imagine about
सहर = dawn/morning
ज़हन-ओ-दिल = mind & heart
मुनव्वर = brilliant/bright/content/happy
दीद = (Deedaar)/sight/to view
शजर = place/surroundings

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Tere aane ki jab khabar meheke

मैं भूल जाऊँ तुम्हें

मैं भूल जाऊँ तुम्हें, अब यही मुनासिब है
मगर भूलना भी चाहूँ तो किस तरह भूलूँ?
कि तुम तो फिर भी हक़ीक़त हो कोई ख़्वाब नहीं

यहाँ तो दिल का ये आलम है, क्या कहूँ...कमबख़्त

भुला सका न ये वो सिलसिला जो था ही नहीं
वो इक ख़याल जो आवाज़ तक गया ही नहीं
वो एक बात जो मैं कह नहीं सका तुम से
वो एक रब्त जो हम में कभी रहा ही नहीं
मुझे है याद वो सब जो कभी हुआ ही नहीं
अगर ये हाल है दिल का तो कोई समझाए

तुम्हें भुलाना भी चाहूँ तो किस तरह भूलूँ?
कि तुम तो फिर भी हक़ीक़त हो कोई ख़्वाब नहीं

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Vocabulary:
मुनासिब = appropriate, proper, suitable
आलम = condition, situation, state
सिलसिला = link, linkage, sequence, series
रब्त = affinity, bond, attachment, relationship

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Mein bhool jaun tumhe ab ye hi

जब सामने तुम आ जाते हो

आईना देख के बोले ये संवरने वाले
अब तो बेमौत मरेंगे मेरे मरने वाले

देख के तुमको होश में आना भूल गए
याद रहे तुम और ज़माना भूल गए


जब सामने तुम आ जाते हो क्या जानिये क्या हो जाता है
कुछ मिल जाता है कुछ खो जाता है क्या जानिये क्या हो जाता है

चाहा था ये कहेंगे सोचा था सोचा था वो कहेंगे
आए वो सामने तो कुछ भी ना कह सके
बस देखा किये उन्हें हम

देख कर तुझको यकीं होता है कोई इतना भी हसीं होता है
देख पाते हैं कहां हम तुमको दिल कहीं होश कहीं होता है
जब सामने तुम


आ कर चले न जाना ऐसे नहीं सताना
दे कर हँसी लबों को आँखों को मत रुलाना
देना न बेकरारी दिल का करार बनके
यादों में खो न जाना तुम इंतज़ार बन के
इंतज़ार बन के

भूल कर तुमको न जी पाएंगे
साथ तुम होगी जहां जाएंगे
हम कोई वक़्त नहीं हैं हमदम
जब बुलाओगे चले आएंगे
जब सामने तुम

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Jab saamne tum aa jate ho

हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते

हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख से लम्हें नहीं तोड़ा करते

जिसकी आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिकन
ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते

शह्द जीने का मिला करता है थोड़ा थोड़ा
जाने वालों के लिए दिल नहीं थोड़ा करते

लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो
ऐसे दरिया का कभी रुख नहीं मोड़ा करते

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Vocabulary:
सिलवट = wrinkle/slight depression in the smoothness
शिकन = frown, crease, crack
शह्द = honey

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Haath chute bhi toh rishtey nahi chhoda karte

शाम से आँख में नमी सी है

शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है

दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है

वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर
इसकी आदत भी आदमी सी है

कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी
एक तसलीम लाज़मी सी है

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Vocabulary:
नमी = moisture, wetness
नब्ज़ = the pulse
तसलीम = salutation, greeting
लाज़मी = compulsory, required

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Sham se aankh mein nami si hai

होश वालों को खबर क्या

होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है

उनसे नज़रें क्या मिलीं रोशन फ़िज़ाएं हो गईं
आज जाना प्यार की जादूगरी क्या चीज़ है

खुलती ज़ुल्फ़ों ने सिखाई मौसमों को शायरी
झुकती आँखों ने बताया मैकशी क्या चीज़ है

हम लबों से कह न पाए उनसे हाल-ए-दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है

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Vocabulary:
बेखुदी = in ecstasy, enraptured, delirious, senseless
मैकशी = boozing, drunkenness

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Hosh walo ko khabar kya

होंठों से छूलो तुम

होंठों से छूलो तुम
मेरा गीत अमर कर दो
बन जाओ मीत मेरे
मेरी प्रीत अमर कर दो

न उमर की सीमा हो
न जनम का हो बंधन
जब प्यार करे कोई
तो देखे केवल मन
नई रीत चलाकर तुम
ये रीत अमर कर दो
होंठों से छूलो तुम
मेरा गीत अमर कर दो

जग ने छीना मुझसे
मुझे जो भी लगा प्यारा
सब जीता किये मुझसे
मैं हर दम ही हारा
तुम हार के दिल अपना
मेरी जीत अमर कर दो
होंठों से छूलो तुम
मेरा गीत अमर कर दो

आकाश का सूनापन
मेरे तनहा मन में
पायल छनकाती तुम
आजाओ जीवन में
साँसें देकर अपनी
संगीत अमर कर दो
होंठों से छूलो तुम
मेरा गीत अमर कर दो

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Vocabulary:

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Hothon se choo lo tum mera geet amar kar do

तुम को देखा तो ये ख़याल आया

तुम को देखा तो ये ख़याल आया
ज़िंदगी धूप तुम घना साया

आज फिर दिलने एक तमन्ना की
आज फिर दिलको हमने समझाया

तुम चले जाओगे तो सोचेंगे
हमने क्या खोया, हमने क्या पाया

हम जिसे गुनगुना नहीं सकते
वक़्त ने ऐसा गीत क्यूँ गाया

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Vocabulary:

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Tum ko dekha to ye khayal aaya

कोई ये कैसे बताये कि वो

कोई ये कैसे बताये कि वो तन्हा क्यूँ हैं..
वो जो अपना था और किसी का क्यूँ हैं..
यही दुनिया हैं तो ऐसी ये.. दुनिया क्यूँ है..
यही होता है तो आखिर यही होता क्यूँ है,

इक जरा हाथ बढा दे तो पकड ले दामन
उसके सीने मे समा जाये हमारी धडकन
इतनी कुरबत है तो फिर फासला इतना क्यूँ है

दिले-बर्बाद से निकला नही अबतक कोई
एक लूटे घर पे दिया करता है दस्तक कोई
आस जो टूट गई फिर से बधाँता क्यूँ है

तुम मस्सरत का कहो या इसे गम का रिश्ता
कह्ते है प्यार का रिश्ता है जनम का रिश्ता
है जनम का जो ये रिश्ता तो बदलता क्यूँ है

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Vocabulary:
कुरबत = accessibility, closeness, nearness, intimacy
फासला = distance
मस्सरत = happiness, joy

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Koi ye kaise bataye ke vo tanaha kyun hai

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो

आंखो मे नमी हंसी लबो पर
क्या हाल है, क्या दिखा रहे हो

बन जायेगे जहेर पीते-पीते
ये अश्क जो पीते जा रहे हो

जिन जख्मो को वक़्त भर चला है
तुम क्यूँ उन्हे छेडॆ जा रहे हो

रेखाओ का खेल है मुक़द्दर
रेखाओ से मात खा रहे हो

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Vocabulary:
अश्क = tears
मुक़द्दर = turbid, muddy, gloomy

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Tum itna jo muskura rahe ho

झुकी झुकी सी नज़र बेकरार

झुकी झुकी सी नज़र बेकरार है की नही
दबा दबा सा सही दिल मे प्यार है कि नही
झुकी झुकी सी नज़र

तू अपने दिल की जवौ धडकनो को गिन के बता
मेरी तरह तेरा दिल बेकरार है कि नही
दबा दबा सा सही दिल मे प्यार है कि नही
झुकी झुकी सी नज़र

वो पल कि जिसमे मुहब्बत जवान होती है
उस एक पल का तुझे इंतज़ार है कि नही
दबा दबा सा सही दिल मे प्यार है कि नही
झुकी झुकी सी नज़र

तेरी उम्मीद पे ठुकरा रहा हूँ दुनिया को
तुझे भी अपने पे..एतबार है कि नही
दबा दबा सा सही दिल मे प्यार है कि नही
झुकी झुकी सी नज़र

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Vocabulary:
बेकरार = restless, uneasy
एतबार = faith, trust, confidence, reliance

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Jhuki jhuki si najar bekarar hai ke nahi

तेरा चेहरा है आईनें

तेरा चेहरा है आईनें जैसा
तू न देखे मैं देख लूँ ऐसा
तेरा चेहरा है आईनें जैसा

तुम कहो तो मैं पूछ लूँ तुमसे
है सवाल एक.. पूछने जैसा
है..सवाल एक पूछने जैसा
तेरा चेहरा है आईनें जैसा

दोस्त मिल जायेंगे कई लेकिन
ना मिलेगा कोई मेरे जैसा
तेरा चेहरा है आईनें जैसा

तुम अचानक मिले थे जब पहले
पल नही है.. वो भूलने जैसा
पल नही है.. वो भूलने जैसा
तेरा चेहरा है आईनें जैसा

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Vocabulary:

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Tera Chehara hai aaine jaisa

प्यार मुझ से जो किया तुमने

प्यार मुझ से जो किया तुमने तो क्या पाओगी
मेरे हालात की आँधी मॆं बिखर जाओगी

रंज ओर दर्द की बस्ती का मैं बाशिन्दा हूँ
ये तो बस मैं हूँ के इस हाल में भी ज़िंदा हुँ
ख़्वाब क्युँ देखुँ वो कल जिस पे मैं शर्मिन्दा हुँ
मैं जो शर्मिन्दा हुआ तुम भी तो शर्माओगी

क्युँ मेरे साथ कोई ओर परेशान रहे
मेरी दुनिया है जो विरान तो विरान रहे
ज़िंदगी का यह सफ़र तुम पे तो आसान रहे
हमसफ़र मुझको बनाओगी तो पछताओगी

एक मैं क्या अभी आयेंगे दीवाने कितने
अभी गुंजेंगे मुहब्बत के तराने कितने
ज़िंदगी तुमको सुनायेगी फ़साने कितने
क्यूँ समझाती हो मुझे भूल नहीं पाओगी

आँखों में जल रहा है क्यूँ

आँखों में जल रहा है क्यूँ बुझता नहीं धुआँ
उठता तो है घटा सा, बरसता नहीं धुआँ

चूल्हे नहीं जलाये या बस्ती ही जल गई
कुछ रोज़ हो गये हैं अब, उठता नहीं धुआँ

आँखों के पोंछने से लगा आँच का पता
यूँ चेहरा फेर लेने से, छुपता नहीं धुआँ

आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
मेहमान ये घर में आयें तो, चुभता नहीं धुआँ

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Vocabulary:
आँच = flame, warmth, fervor
मरासिम = relations, relationships

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Aankhon mein jal raha hai kyun

कोई दोस्त है ना रक़ीब है

कोई दोस्त है ना रक़ीब है,
तेरा शहर कितना अजीब है.

वो जो इश्क़ था वो जुनून था,
ये जो हिज्र है ये नसीब है.

यहां किसका चेहरा पढा करूं,
यहां कौन इतना क़रीब है.

मैं किसे कहूं मेरे साथ चल,
यहां सब के सर पे सलीब है.

अब मैं राशन की क़तारों में

अब मैं राशन की क़तारों में नज़र आता हूँ
अपने खेतों से बिछडने की सज़ा पाता हूँ

इतनी महँगाई के बाज़ार से कुछ लाता हूँ
अपने बच्चों में उसे बाँट के शरमाता हूँ

अपनी नीँदों का लहू पोँछने की कोशिश में
जागते-जागते थक जाता हूँ, सो जाता हूँ

कोई चादर समझ के खीँच न ले फिर से 'खलील'
मैँ क़फ़न ओढ के 'फ़ुटपाथ्' पे सो जाता हूँ

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Vocabulary:
क़तारों = in queue
बिछडने = separation

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Ab mein raashan ki kataron mein najar

तेरी खुशबू में बसे खत

तेरी खुशबू में बसे खत, मैं जलाता कैसे
प्यार में डूबे हुये खत, मैं जलाता कैसे
तेरे हाथों के लिखे खत, मैं जलाता कैसे
तेरे खत आज मैं, गँगा में बहा आया हूँ
आग बहते हुए पानी में लगा आया हूँ

जिनको दुनिया की निगाहों से छुपाये रखा
जिन को इक उम्र कलेजे से लगाये रखा
दीन जिनको, जिनहें ईमान बनाये रखा

तूने दुनिया की निगाहों से जो बचकर लिखे
साल-हा-साल मेरे नाम बराबर लिखे
कभी दिन में तो कभी रात में उठकर लिखे

तेरी खुशबू में बसे खत, मैं जलाता कैसे
प्यार में डूबे हुये खत, मैं जलाता कैसे
तेरे हाथों के लिखे खत, मैं जलाता कैसे
तेरे खत आज मैं, गँगा में बहा आया हूँ
आग बहते हुए पानी में लगा आया हूँ


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Vocabulary:
दीन = faith, religion
ईमान = creed, conscience, belief

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Tere khushbu mein base khat main jalata

हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी

हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले

निकलना खुल्द से आदम का सुनते आये हैं लेकिन
बहुत बे-आबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले

मोहब्बत मे नहीं है फर्क जीने और मरने का
उसी को देखके जीते है जिस काफिर पे दम निकले

खुदा के वास्ते पर्दा ना क़ाबे से उठा ज़ालिम
कहीं ऐसा ना हो यां भी वही काफिर सनम निकले

कहाँ मैखाने का दरवाज़ा ग़ालिब और कहाँ वाइज़
पर इतना जानते है कल, वो जाता था के हम निकले

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Vocabulary:
ख्वाहिश = demand, desire, request
अरमान = wish
खुल्द = heaven, paradise
आदम = Adam (Adam & Eve)
कूचे = street, lane
काफिर = sweetheart, ungrateful, non-believer
क़ाबे = God's place (house of Allah in Mecca)
मैखाने = wine-house
वाइज़ = preacher, advisor, religious wise-man, (the one who advises not to drink)

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Hajaron khwahishe aisi ki har khwahish pe dum

कोई फरियाद तेरे दिल मेँ

कोई फरियाद तेरे दिल मेँ दबी हो जैसे ।
तूने आखो से कोई बात कही हो जैसे ।

ऍक लम्हे मेँ सिमट आया है सदियौ का सफर ।
जिन्दगी तेज, बहुत तेज चली हो जैसे ।

राह चलते हुए महसूस यही होता है ।
वो नजर छुप के मुझे देख रही हो जैसे ।

इस तरह पहरों तुझे सोचता रहता हूँ मै ।
मेरी हर साँस तेरे नाम लिखी हो जैसे ।

जागते॑ जागते ऍक उम्र कटी हो जैसे ।
जान बाकी है मगर साँस रुकी हो जैसे ।

कोई फरियाद तेरे दिल मेँ दबी हो जैसे ।
तूने आखो से कोई बात कही हो जैसे ।

तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता हैं

तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता हैं
तेरे आगे चांद पुराना लगता हैं

तिरछे तिरछे तीर नजर के चलते हैं
सीधा सीधा दिल पे निशाना लगता हैं

आग का क्या हैं पल दो पल में लगती हैं
बुझते बुझते एक ज़माना लगता हैं

सच तो ये हैं फूल का दिल भी छल्ली हैं
हसता चेहरा एक बहाना लगता हैं

कल चौदहवीं की रात थी

कल चौदहवीं की रात थी,
शब भर रहा चर्चा तेरा।
कुछ ने कहा ये चाँद है,
कुछ ने कहा चेहरा तेरा।

हम भी वहीं मौज़ूद थे,
हमसे भी सब पूछा किए।
हम हँस दिए हम चुप रहे
मंज़ूर था पर्दा तेरा।

इस शहर में किससे मिलें
हमसे तो छूटी महफ़िलें।
हर शख़्स तेरा नाम ले
हर शख़्स दीवाना तेरा।

कूचे को तेरे छोड़ कर
जोगी ही बन जाएँ मग़र,
जंगल तेरे, पर्वत तेरे
बस्ती तेरी, सहरा तेरा।

बेदर्द सुननी हो तो चल
कहता है क्या अच्छी गज़ल
आशिक तेरा, रुसवा तेरा
शायर तेरा ‘इंशा’ तेरा।

सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता

सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
निकलता आ रहा है आफ़ताब आहिस्ता आहिस्ता

जवां होने लगे जब वो तो हमसे कर लिया परदा
हया यकलख़्त आई और शबाब आहिस्ता आहिस्ता

सवाल-ए-वस्ल पे उनको उदू का खौफ़ है इतना
दबे होंठों से देते हैं जवाब आहिस्ता आहिस्ता

हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फ़र्क है इतना
इधर तो जल्दी-जल्दी है उधर आहिस्ता आहिस्ता

शब-ए-फ़ुर्क़त का जागा हूँ फ़रिश्तों अब तो सोने दो
कभी फ़ुर्सत में कर लेना हिसाब, आहिस्ता आहिस्ता

वो बेदर्दी से सर काटें ‘अमीर’ और मैं कहूँ उनसे
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता जनाब आहिस्ता आहिस्ता

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रुख़ : face
नक़ाब : veil
आहिस्ता आहिस्ता : slowly, slowly
आफ़ताब : The Sun
हया : shyness
यकलख़्त : at once, instantaneously
शबाब : youth
सवाल-ए-वस्ल : question about meeting
उदू : competitor, rival
खौफ़ : fear
शब-ए-फ़ुर्क़त : night of separation
फ़रिश्तों : O! angels
फ़ुर्सत : leisure, convenience
हिसाब : an account for deeds
बेदर्दी : cruelty
हुज़ूर : Sir
जनाब : His Excellency

सदमा तो है मुझे भी के तुझसे जुदा हूँ मैं

सदमा तो है मुझे भी के तुझसे जुदा हूँ मैं
लेकिन ये सोचता हूँ के अब तेरा क्या हूँ मैं

बिखरा पड़ा है तेरे घर में तेरा वजूद
बेकार महफिलों में तुझे ढूँडता हूँ मैं

ना जाने किस अदा से लिया तूने मेरा नाम
दुनिया समझ रही है के सब कुछ तेरा हूँ मैं

ले मेरे तजुर्बों से सबक़ ऐ मेरे रक़ीब
दो-चार साल उम्र में तुझसे बड़ा हूँ मैं

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सदमा : shock
जुदा : separated
वजूद : existence
अदा : style
तजुर्बों से : from experiences
सबक़ : lesson/learnings
रक़ीब : lover

बात निकलेगी तो फिर दूर तलक

बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी
लोग बेवजह उदासी का सबब पूछेंगे
ये भी पूछेंगे कि तुम इतनी परेशां क्यूं हो
उँगलियाँ उठेंगी सूखे हुए बालों की तरफ
इक नज़र देखेंगे गुज़रे हुए सालों की तरफ
चूड़ियों पर भी कई तन्ज़ किये जायेंगे
कांपते हाथों पे भी फ़िक़रे कसे जायेंगे
लोग ज़ालिम हैं हर इक बात का ताना देंगे
बातों बातों मे मेरा ज़िक्र भी ले आयेंगे
उनकी बातों का ज़रा सा भी असर मत लेना
वर्ना चेहरे के तासुर से समझ जायेंगे
चाहे कुछ भी हो सवालात न करना उनसे
मेरे बारे में कोई बात न करना उनसे
बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी

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बेवजह : without reason
परेशां : worried
तन्ज़ : taunts
फ़िक़रे : comments
ज़ालिम : cruel
ज़िक्र : talk
असर : effect
तासुर : feelings/expressions
सवालात : questions

बहुत पहले से उन क़दमों की आहट

बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ ज़िन्दगी हम दूर से पहचान लेते हैं

तबीयत अपनी घबराती है जब सुनसान रातों में
हम ऐसे में तेरी यादों की चादर तान लेते हैं

मेरी नज़रें भी ऐसे क़ातिलों का जान-ओ-ईमान है
निगाहें मिलते ही जो जान और ईमान लेते हैं

‘फिराक़’ बदल कर भेष मिलता है कोई क़ाफ़िर
कभी हम जान लेते हैं कभी पहचान लेते हैं

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नज़रें : eyes, glances
क़ातिल : murderer
जान-ओ-ईमान : life and belief
क़ाफ़िर : non-believer

परेशाँ रात सारी है

परेशाँ रात सारी है, सितारों तुम तो सो जाओ
सुकूते मर्ग तारी है, सितारों तुम तो सो जाओ

हमें तो आज की शब पौ फटे तक जागना होगा
यही किस्मत हमारी है, सितारों तुम तो सो जाओ

हमें भी नींद आ जाएगी, हम भी सो जाऐंगे
अभी कुछ बेक़रारी है, सितारों तुम तो सो जाओ

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परेशाँ : disordered, troubled
सुकूते मर्ग : silence before death
तारी : prevalent
शब : night
पौ फटे : till dawn
बेक़रारी : restlessness

दर्द बढ कर फुगाँ ना हो जाये

दर्द बढ कर फुगाँ ना हो जाये
ये ज़मीं आसमाँ ना हो जाये

दिल में डूबा हुआ जो नश्तर है
मेरे दिल की ज़ुबाँ ना हो जाये

दिल को ले लीजिए जो लेना हो
फिर ये सौदा गराँ ना हो जाये

आह कीजिए मगर लतीफ़-तरीन
लब तक आकर धुआँ ना हो जाये

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फुगाँ : lamentation
ज़मीं : earth
आसमाँ : sky
नश्तर : dagger
ज़ुबाँ : voice
सौदा : bargain
गराँ : costly
आह : sigh
लतीफ़-तरीन : pleasant
धुआँ : smoke

आए हैं समझाने लोग

आए हैं समझाने लोग
हैं कितने दीवाने लोग

दैर-ओ-हरम में चैन जो मिलता
क्यूं जाते मैखाने लोग

जान के सब कुछ कुछ भी ना जाने
हैं कितने अन्जाने लोग

वक़्त पे काम नहीं आते हैं
ये जाने पहचाने लोग

अब जब मुझको होश नहीं है
आए हैं समझाने लोग

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दैर-ओ-हरम : temple and the mosque
चैन : solace
मैखाने : wine-house
अन्जाने : strangers

अपने हाथों की लकीरों में

अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको
मैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको।

मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के माने
ये तेरी सादा-दिली मार ना डाले मुझको।

ख़ुद को मैं बाँट ना डालूँ कहीं दामन-दामन
कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको।

वादा फिर वादा है मैं ज़हर भी पी जाऊँ ‘क़तील’
शर्त ये है कोई बाहों में सम्भाले मुझको।

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नसीब : destiny
वफ़ा : fidelity, loyalty;
सादा-दिली : simplicity
दामन-दामन : in tatters
वादा : promise

तुम नहीं ग़म नहीं शराब नहीं

तुम नहीं ग़म नहीं शराब नहीं
ऐसी तन्हाई का जवाब नहीं

गाहे-गाहे इसे पढा कीजे
दिल से बेहतर कोई किताब नहीं

जाने किस किस की मौत आयी है
आज रुख़ पर कोई नक़ाब नहीं

वो करम उन्गलियों पे गिरते हैं
ज़ुल्म का जिनके कुछ हिसाब नहीं

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ग़म : grief, pain
तन्हाई : loneliness, solitude
गाहे-गाहे : once in a while
रुख : face
नक़ाब : veil
करम : good deeds, favours
हिसाब : calculation

दुनिया जिसे कहते हैं

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का ख़िलौना हैं
मिल जाये तो मिट्टी हैं खो जाये तो सोना है

अच्छा सा कोई मौसम तन्हा सा कोई आलम
हर वक़्त का ये रोना तो बेकार का रोना हैं

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना हैं किस छत को भिगौना हैं

ग़म हो कि ख़ुशी दोनो कुछ देर के साथी हैं
फिर रास्ता ही रास्ता हैं हंसना है ना रोना हैं

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तन्हा : lonely;
आलम : grief, pain, misfortune
ग़म : grief, suffering

ये दौलत भी ले लो

ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो,
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी।
मग़र मुझको लौटा दो बचपन का सावन,
वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी।

मोहल्ले की सबसे निशानी पुरानी,
वो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानी,
वो नानी की बातों में परियों का डेरा,
वो चेहरे की झुर्रियों में सदियों का फेरा,
भुलाए नहीं भूल सकता है कोई,
वो छोटी-सी रातें वो लम्बी कहानी।

कड़ी धूप में अपने घर से निकलना
वो चिड़िया, वो बुलबुल, वो तितली पकड़ना,
वो गुड़िया की शादी पे लड़ना-झगड़ना,
वो झूलों से गिरना, वो गिर के सँभलना,
वो पीपल के पल्लों के प्यारे-से तोहफ़े,
वो टूटी हुई चूड़ियों की निशानी।

कभी रेत के ऊँचे टीलों पे जाना
घरौंदे बनाना,बना के मिटाना,
वो मासूम चाहत की तस्वीर अपनी,
वो ख़्वाबों खिलौनों की जागीर अपनी,
न दुनिया का ग़म था, न रिश्तों का बंधन,
बड़ी खूबसूरत थी वो ज़िन्दगानी।

अपने होठों पर सजाना चाहता हूं

अपने होठों पर सजाना चाहता हूं
आ तुझे मैं गुनगुनाना चाहता हूं

कोई आसू तेरे दामन पर गिराकर
बूंद को मोती बनाना चाहता हूं

थक गया मैं करते करते याद तुझको
अब तुझे मैं याद आना चाहता हूं

छा रहा है सारी बस्ती में अंधेरा
रोशनी हो घर जलाना चाहता हूं

आखरी हिचकी तेरे शानों पे आये
मौत भी मैं शायराना चाहता हूं

नज़र उठाओ ज़रा तुम

नज़र उठाओ ज़रा तुम तो क़ायनात चले,
है इन्तज़ार कि आँखों से “कोई बात चले”

तुम्हारी मर्ज़ी बिना वक़्त भी अपाहज है
न दिन खिसकता है आगे, न आगे रात चले

न जाने उँगली छुडा के निकल गया है किधर
बहुत कहा था जमाने से साथ साथ चले

किसी भिखारी का टूटा हुआ कटोरा है
गले में डाले उसे आसमाँ पे रात चले

चुपके चुपके रात दिन

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हमको अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है

बाहज़ारां इज़्तिराब-ओ-सदहज़ारां इश्तियाक
तुझसे वो पहले पहल दिल का लगाना याद है

तुझसे मिलते ही वो कुछ बेबाक हो जाना मेरा
और तेरा दाँतों में वो उँगली दबाना याद है

खींच लेना वो मेरा पर्दे का कोना दफ़्फ़ातन
और दुपट्टे से तेरा वो मुँह छिपाना याद है

ग़ैर की नज़रों से बचकर सब की मर्ज़ी के ख़िलाफ़
वो तेरा चोरीछिपे रातों को आना याद है

आ गया गर वस्ल की शब भी कहीं ज़िक्र-ए-फ़िराक़
वो तेरा रो-रो के मुझको भी रुलाना याद है

दोपहर की धूप में मेरे बुलाने के लिये
वो तेरा कोठे पे नंगे पाँव आना याद है

देखना मुझको जो बर्गश्ता तो सौ सौ नाज़ से
जब मना लेना तो फिर ख़ुद रूठ जाना याद है

चोरी चोरी हम से तुम आकर मिले थे जिस जगह
मुद्दतें गुज़रीं पर अब तक वो ठिकाना याद है

बेरुख़ी के साथ सुनाना दर्द-ए-दिल की दास्तां
और तेरा हाथों में वो कंगन घुमाना याद है

वक़्त-ए-रुख़सत अलविदा का लफ़्ज़ कहने के लिये
वो तेरे सूखे लबों का थरथराना याद है

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Vocabulary:
बाहज़ारां = thousand times
इज़्तिराब = (बेचैनी) anxiety
सदहज़ारां = once
इश्तियाक = (चाहत)desire
बेबाक = outspoken
दफ़्फ़ातन = suddenly
वस्ल = date/ meeting
ज़िक्र-ए-फ़िराक़ = mention of seperation
कोठे पे = on the terrace
बर्गश्ता = (रूठा हुआ) against, upset
बावजूद = Inspite of


Search Strings:
Lyrics, गज़ल, Ghazal, Gazal, जगजीत सिंह, जगजीत सिंग, Jagjit Singh,
Chupke chupke raat din

याद नहीं क्या क्या देखा था

याद नहीं क्या क्या देखा था सारे मंज़र भूल गये,
उसकी गलियों से जब लौटे अपना भी घर भूल गये

ख़ूब गये परदेस कि अपने दीवार-ओ-दर भूल गये,
शीशमहल ने ऐसा घेरा मिट्टी के घर भूल गये

तुझको भी जब अपनी क़समें अपने वादे याद नहीं,
हम भी अपने ख़्वाब तेरी आँखों में रखकर भूल गये

मुझको जिन्होने क़त्ल किया है कोई उन्हे बतलाये ”नज़ीर”,
मेरी लाश के पहलू में वो अपना ख़न्जर भूल गये

बडी नाजूक हैं ये मंझिल

बडी नाजूक हैं ये मंझिल, मोहब्बत का सफर हैं
धडक आहिस्ता से ऐ दिल, मोहब्बत का सफर हैं

कोई सून ले ना ये किस्सा, बहोत डर लगता हैं
मगर डरने से क्या हासिल, मोहब्बत का सफर हैं
बताना भी नहीं आसान, छुपाना भी कठीण हैं
खुदाया किस कदर मुश्किल, मोहब्बत का सफर हैं

उजाले दिल के फैले हैं, चले आओ ना जानम
बहोत ही प्यार के काबिल, मोहब्बत का सफर हैं